Pollution रोकने में दिल्ली मेट्रो सबसे आगे, कार्बन क्रेडिट बेचकर कमा लिए 19.5 करोड़ रुपये
Delhi Metro earns Rs 19.5 crore: एक क्रेडिट एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर द्रव्यमान के उत्सर्जन की अनुमति देता है.
35.5 लाख कार्बन क्रेडिट की बिक्री से कमाए 19.5 करोड़ रुपये. (पीटीआई फोटो)
35.5 लाख कार्बन क्रेडिट की बिक्री से कमाए 19.5 करोड़ रुपये. (पीटीआई फोटो)
Delhi Metro earns Rs 19.5 crore: दिल्ली मेट्रो ने 35.5 लाख कार्बन क्रेडिट की बिक्री करके 19.5 करोड़ रुपये कमाए हैं. ये कार्बन क्रेडिट उसने छह साल की अवधि के दौरान एकत्रित किए थे. न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. कार्बन क्रेडिट एक परमिट है, जो कंपनी को कार्बन डाइऑक्साइड या अन्य ग्रीनहाउस गैसों की एक निश्चित मात्रा का उत्सर्जन करने की अनुमति देता है.
एक क्रेडिट एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर द्रव्यमान के उत्सर्जन की अनुमति देता है. प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों को क्रेडिट दिया जाता है, जो उन्हें एक निश्चित सीमा तक प्रदूषण जारी रखने की अनुमति देता है. इस बीच, कंपनी किसी भी अनावश्यक क्रेडिट को वैसी किसी अन्य कंपनी को बेच सकती है, जिसे उनकी आवश्यकता हो. डीएमआरसी ने एक बयान में कहा कि वह प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में देश में अग्रणी रही है. उसकी कई परियोजनाएं हैं जिससे वह ऊर्जा की बचत कर रही है.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
TRENDING NOW
35.5 लाख कार्बन क्रेडिट की बिक्री से कमाए 19.5 करोड़ रुपये
इसमें कहा गया है कि डीएमआरसी ने 35.5 लाख कार्बन क्रेडिट की बिक्री से 19.5 करोड़ रुपये कमाए हैं और ये कार्बन क्रेडिट उसने 2012 से 2018 यानी छह साल की अवधि के दौरान एकत्रित किए थे.अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली मेट्रो 2007 में दुनिया में पहली मेट्रो या रेल परियोजना बनी, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने स्वच्छ विकास तंत्र (सीडीएम) के तहत पंजीकृत किया, जिससे वह अपने रिजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रोजेक्ट के लिए कार्बन क्रेडिट का दावा कर पायी.
डीएमआरसी ने दिया यह बयान
डीएमआरसी ने कहा कि सीडीएम क्योटो प्रोटोकॉल के तहत ग्रीनहाउस गैस पर आधारित एक परियोजना है जिससे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में उच्च आय वाले देशों को कम या मध्यम आय वाले देशों में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने वाली परियोजनाओं से कार्बन क्रेडिट खरीदने का मौका मिलता है.उसने कहा कि दिल्ली मेट्रो 2015 से भारत में अन्य मेट्रो परियोजनाओं को भी सीडीएम परामर्शक सेवाएं दे रही हैं, जिससे वे अपनी परियोजना से कार्बन क्रेडिट कमा सकें. गुजरात मेट्रो, मुंबई मेट्रो और चेन्नई मेट्रो ने पहले ही अपनी परियोजनाओं को दिल्ली मेट्रो के गतिविधि कार्यक्रम के तहत पंजीकृत कराया है, ताकि वे कार्बन क्रेडिट अर्जित कर सकें.
06:31 PM IST